रजिस्‍ट्रार संदेश

मुझे हर्ष है कि भारतीय चिकित्‍सा परिषद, उत्‍तराखण्‍ड द्वारा अपनी वेबसाइट प्रारम्‍भ की गई है। मैं परिषद की ओर से आप सभी का स्‍वागत करता हूँ। आप योग नहीं कर सकते। योग आपकी प्राकृतिक अवस्था है। आप जो कर सकते हैं वो है योग व्यायाम , जो ये उजागर कर सकता है कि आप कहाँ अपनी प्राकृतिक अवस्था का विरोध कर रहे हैं। जब सांसें विचलित होती हैं तो मन भी अस्थिर हो जाता है। लेकिन जब सांसें शांत हो जाती हैं , तो मन भी स्थिर हो जाता है, और योगी दीर्घायु हो जाता है। इसलिए , हमें श्वास पर नियंत्रण करना सीखना चाहिए। वर्तमान समय में परिषद द्वारा चिकित्‍सकों के पंजीकरण के साथ-साथ आयुर्वेदिक नर्सिंग, फार्मेसी तथा पंचकर्म सहायक जैसे कई रोजगारपरक अनुचिकित्‍सकीय पाठयक्रमों का गुणवत्‍ता व सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है तथा भविष्‍य में भी अन्‍य उपयोगी पाठयक्रम प्रारम्‍भ किये जाने की योजना है। यह वेबसाईट आज के सूचना प्रौद्योगिकी युग में ई-गर्वनेन्‍स के अन्‍तर्गत परिषद का एक प्रयास है जिससे सभी पंजीकृत आयुर्वेदिक / यूनानी चिकित्‍सक, फार्मेसिस्‍ट, नर्सेज, पंचकर्म सहायक तथा आयुर्वेदिक कॉलेजों में अध्‍ययनरत विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें। परिषद की ओर से सभी उपयोगी सूचनाओं को इस वेबसाइट से जोडा गया है तथा समय-समय पर सूचनाओं को अद्यदन भी किया जायेगा।

आशा है कि परिषद की वेबसाइट सभी सम्‍बन्धित लोगों तथा आमजन में सूचनाओं के प्रचार-प्रसार में उपयोगी सिद्ध होगी तथा सभी इसका लाभ ले सकेंगे।